लोकसभा में ‘एक देश-एक चुनाव’ बिल पर वोटिंग: 220 पक्ष में, 149 विपक्ष में
नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के 17वें दिन (17 दिसंबर) को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में ‘एक देश, एक चुनाव’ के लिए 129वां संविधान संशोधन बिल पेश किया। इसके साथ ही केंद्र शासित प्रदेशों से जुड़े तीन अन्य कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव भी रखा गया। इनमें ‘द गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज एक्ट-1963’, ‘द गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली-1991’ और ‘द जम्मू एंड कश्मीर रीऑर्गनाइजेशन एक्ट-2019’ शामिल हैं। इन संशोधनों से जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की संभावना भी जताई जा रही है।
बिल पेश होने के बाद इस पर चर्चा के लिए सांसदों को मौका दिया गया। कई विपक्षी दलों की आपत्ति के चलते बिल को दोबारा पेश करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग कराई गई। इसमें 220 वोट पक्ष में और 149 वोट विपक्ष में पड़े। स्पीकर ने कहा कि जिन सांसदों को अपना वोट बदलना हो, वे पर्ची भर सकते हैं।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि जब यह बिल कैबिनेट में आया था, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुझाव दिया था कि इसे संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजा जाए। कानून मंत्री इसके लिए प्रस्ताव दे सकते हैं।
विपक्ष की ओर से समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने इसे बीजेपी की तानाशाही लाने की कोशिश बताया और कहा कि ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ देश के लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश है।
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