उस्ताद ज़ाकिर हुसैन का 73 वर्ष की आयु में निधन: भारतीय संगीत जगत को अपूरणीय क्षति
न्यूज डेस्क। भारतीय शास्त्रीय संगीत के महान तबला वादक उस्ताद ज़ाकिर हुसैन का 73 वर्ष की आयु में निधन हो गया। संगीत प्रेमियों के लिए यह एक गहरी क्षति है। पद्म विभूषण और ग्रैमी अवॉर्ड से सम्मानित ज़ाकिर हुसैन ने अपने तबला वादन से न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में अपनी अमिट छाप छोड़ी।
संगीत का अनमोल सितारा खो गया
उस्ताद ज़ाकिर हुसैन ने भारतीय शास्त्रीय संगीत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। उनके तबला वादन की शैली को सुनना, जैसे आत्मा को छूने का अनुभव होता था। उनकी जुगलबंदी के अनगिनत कार्यक्रम भारतीय और पश्चिमी संगीत के बीच एक पुल की तरह थे।
दिग्गज कलाकारों के साथ निभाई यादगार जुगलबंदी
उस्ताद ज़ाकिर हुसैन ने पंडित रवि शंकर, उस्ताद अली अकबर खान, और हरिप्रसाद चौरसिया जैसे दिग्गजों के साथ कई यादगार प्रस्तुतियां दीं। उन्होंने शास्त्रीय संगीत के अलावा फ्यूज़न और वेस्टर्न म्यूजिक में भी अपनी कला का प्रदर्शन किया।
सम्मान और उपलब्धियां
ज़ाकिर हुसैन को पद्म श्री और पद्म भूषण के अलावा भारत सरकार ने पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया। उन्हें ग्रैमी अवॉर्ड भी मिला, जो उनकी कला के प्रति वैश्विक प्रशंसा का प्रमाण है।
संगीत जगत में शोक
उनके निधन की खबर से संगीत प्रेमियों और उनके चाहने वालों में शोक की लहर दौड़ गई है। सोशल मीडिया पर लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। उनके योगदान को सदियों तक याद किया जाएगा। उस्ताद ज़ाकिर हुसैन का जाना भारतीय संगीत के लिए एक युग के अंत जैसा है। उनकी कमी को कभी भरा नहीं जा सकेगा।
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